करवाचौथ के मौके पर एक सकारात्मक संदेश

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जीवन साथी जब समाज के प्रति संवेदनशील हों तो हर मौके पर कुछ नया देखने को मिलता है। करवाचौथ के मौके पर हल्द्वानी में भी आज कुछ ऐसा ही नजर आया। गीता मिश्र ने पति की पीठ पर मेहंदी से पति की पीठ पर लिख दिया एक संदेश कि यह मेडिकल कालेज की प्रॉपर्टी हैं। जहां एक ओर सुहागिनें अपने हाथों में मेहंदी रचाकर पति के दीघार्यु होने की कामना करने में व्यस्त हैं, वहीं कुंतीपुरम, हिम्मतपुर तल्ला हल्द्वानी निवासी गीता मिश्र ने देहदान मुहिम को आगे बढ़ाते हुए पति की पीठ पर मेहंदी से मेडिकल कलेज की प्रॉपर्टी लिखकर सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया।

श्रीमती गीता मिश्र ने कहा कि मरणोपरांत मेडिकल कालेज को यदि बॉडी मिलती है तो मेडिकल स्टूडेंट्स प्रयोग के द्वारा व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हुए कुशल चिकित्सक बनेंगे, जिससे पति सहित परिवार के सभी सदस्य दीघार्यु होने के साथ-साथ बीमारियों से दूर उत्तम स्वास्थ्य वाले भी होंगे। गीता के पति डॉ सन्तोष मिश्र ने कहा कि उनके परिवार ने 2013 में देहदान का संकल्प लिया था और अब अपने परिचितों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को नेत्रदान,देहदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डॉ मिश्र ने लोगों से आग्रह किया कि इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय मेडिकल कालेज के एनाटॉमी विभाग से सम्पर्क करें। हल्द्वानी में सुचित्रा जायसवाल अनमोल संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के माध्यम से लोगों को देहदान और नेत्रदान संबंधी संकल्प पूरा कराने में सहयोग कर रही हैं।

खुद की अर्थी बनाकर आये थे चचार्ओं में
बीते दिनों पर्यावरण के प्रति चिंतित हल्द्वानी कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर संतोष मिश्र ने बीते दिनों अंतिम संस्कार के लिए रानीबाग में बने विद्युत शवदाह गृह के प्रयोग के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के एक नाटक किया था। इस कार्यकलाप में उनकी पत्नी और बेटी ने भी बखूबी अपनी भूमिका निभाई। डॉक्टर मिश्र ने अपने हाथों से पहले तो अपनी अर्थी बनाई, उनकी पत्नी गीता मिश्र ने कफन ओढ़ाकर, नाक में रुई लगाई। डॉ सन्तोष की छोटी बेटी हिमानी ने अर्थी पर फूल चढ़ाकर अगरबत्ती जलाई।

बढ़ती आबादी और घटते जंगलों पर जताई चिंता
डॉ मिश्र ने कहा कि कई जगहों पर दाह संस्कार नि:शुल्क करने के बावजूद लोग इसे अपनाने में हिचक रहे हैं। गौरतलब है की शहरों पर बढ़ती आबादी का बोझ, घटते जंगल और सूखती नदियां इस बात के लिए आगाह कर रही हैं, परम्परागत साधनों के साथ बिजली और गैस आधारित शवदाह गृहों को यथाशीघ्र अपनाने की आवश्यकता है। डॉ मिश्र ने बताया कि हाल ही में दिवंगत प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा, टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री, वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज, जार्ज फर्नांडिस, अभिनेता ऋषि कपूर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सहित कई नामी लोगों का दाह संस्कार शवदाह गृह में किया गया है

डॉ मिश्र की रही है कई सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी
यह भी जानते चलें कि डॉ. सन्तोष मिश्र ने हल्द्वानी में कई सामाजिक काम किये हैं। गरीबों के लिए वस्त्रदान हो या फिर खुद का देहदान, अंगदान और नेत्रदान जैसे अभियानों के प्रति वह लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। प्रोफेसर मिश्र ने 65 के बजाय 50 साल की उम्र में रिटायरमैंट ले लिया था, उन्होंने बताया की बेरोजगारी से जूझते युवाओं को मौका मिले।


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