संजय रावत
चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश चन्द्र गहतोड़ी ने प्रधानमंत्री की बहुआयामी योजना ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ में ऐसा खेल खेला कि इस योजना को ही अब संदेह की नजर से देखा जाने लगा है । इस खेल के लिए भी उन्होंने लॉक डाउन का समय चुन यह साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री की बहुआयामी योजना से उन्हें कोई सरोकार नहीं है । घपले घोटाले का जिक्र आगे करेंगे पहले ये जान लें कि ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ है क्या चीज ।
चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश चन्द्र गहतोड़ी ने प्रधानमंत्री की बहुआयामी योजना ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ में ऐसा खेल खेला कि इस योजना को ही अब संदेह की नजर से देखा जाने लगा है । इस खेल के लिए भी उन्होंने लॉक डाउन का समय चुन यह साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री की बहुआयामी योजना से उन्हें कोई सरोकार नहीं है । घपले घोटाले का जिक्र आगे करेंगे पहले ये जान लें कि ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ है क्या चीज ।
देश के समग्र आर्थिक विकास और ग्रामीण हिस्सों में बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच के लिए प्रधान मंत्री के नाम पर एक वृहद योजना वर्ष 2000 में वजूद में आयी जिसे ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ नाम दिया गया । यह ग्रामीण आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करते हुए, माल के बेहतर वितरण और सेवाओं, सुविधाओं और रोजगार के अवसरों तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से बनाई गई । ग्रामीण क्षेत्रों के नियोजित विकास में, ग्रामीण सड़कों का विकास सरकार के लिए एक प्रमुख फोकस है।
अब यह देखें कि ये पूरा मामला क्या है । हल्द्वानी वन डिवीजन में शामिल चंपावत जनपद में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत टकनागोठ-डांडा मल्ला मोटर मार्ग के लिए 9.14 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित हुई थी। इस सड़क को बनाने में कई अनियमितताएं हुई हैं। पहले तो, सड़क के एलाइनमेंट में गड़बड़ी की फिर शासन से स्वीकृत नक्शे के अनुसार सड़क ही नहीं बनाई गई। सड़क बनाने वाली कंपनी एस. के.टी. बिल्डकॉन चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी साहब की ही बताई जा रही है। एक तरह से यह कंपनी विधायक गहतोड़ी की मुखौटा कंपनी है।
Read Also निगम कर्मचारी और पार्टी लाइजनर कर रहे सरकारी संपत्तियों से खेला
विधायक की शह पर ही इस संस्था ने वन विकास निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बिना छपान किए 37 पेड़ काट दिए। जबकि छपान वाले पेड़ नहीं काटे गए। इससे यह भी प्रतीत हो रहा है कि विधायक गहतोड़ी अवैध कटान को सख्त नियम कानूनों के बावजूद मच्छर मक्खी मारना जैसा समझते हैं।
जोरदार बात यह कि इस सड़क का उद्घाटन भी माननीय विधायक जी ने ही किया । खैर इस मामले पर वन विभाग ( हल्द्वानी वन डिवीजन ) के डीएफओ कुंदन कुमार ने ईई, एई और जेई के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर दिया है पर विधायक जी अभी इस शिकंजे से दूर डीएफओ हल्द्वानी, एसडीओ शारदा और रेंजर डांडा के तबादला करने की मुहिम में जुटे हैं ।
भारत सरकार तक पहुंच मामला
चंपावत के टकनागोठ-डांडा मल्लामोटर मार्ग प्रकरण केंद्रीय पर्यावरण एवं परिवर्तन जलवायु मंत्रालय पहुंच गया है। वन संरक्षण के नोडल अधिकारी डॉ. कपिल जोशी ने केंद्रीय मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा है कि स्वीकृत नक्शे से हटकर 12 किमी सड़क बनाई गई है तथा बिना छपान किए पेड़ों का अवैध ढंग से उखाड़ा है। जो कि सैद्धांतिक स्वीकृति और वन संरक्षण अधिनियम-1980 का उल्लंघन है।
इस मामले पर वहीं वन निगम पर भी अवैध कटान पर आठ लाख से ज्यादा का जुर्माना ठोका गया है।
इस मामले में महाप्रबंधक विवेक पांडे, वन विकास निगम हल्द्वानी का कहना है कि –
पीएमजीएसवाई ने सड़क के एलाइनमेंट में जो बदलाव किया है इसका वन निगम से कोई लेना देना नहीं है। वन निगम को जो पेड़ बताए गए हैं वो ही काटे गए हैं। यदि छपान के बिना कोई पेड़ काटे गए तो वन गार्ड, दरोगा, रेंजर, एसडीओ और डीएफओ क्या कर रहे थे। फिलहाल आरएम कुमाऊं को इसकी जांच दी गई है।
कुंदन कुमार, डीएफओ हल्द्वानी वन डिवीजन का कहना है कि –
चंपावत में सड़क के नक्शे में बदलाव हुआ था, इसमें बिना छपान के पेड़ काट दिए गए थे। वन विभाग ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और वन निगम पर जुर्माना लगाया है। उच्च अधिकारियों को भी इस बारे में सूचना दी गई है।