अंतर्राष्ट्रीय हाथी बचाओ दिवस पर राजकीय इंटर कालेज ढेला के बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हाथी को बचाने पर चर्चा हुई।इस मौके पर हाथी के पारिस्थितिकीय में महत्व को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री देखने के साथ साथ बच्चों द्वारा हाथी का चित्र बनाया गया।गोल्डन टस्क रिजॉर्ट में हुए कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ नेचर एक्सपर्ट सुरेश रावत ने कहा 16 अप्रैल को, हम हाथी बचाओ दिवस मनाते हैं और दुनिया के सबसे प्रिय प्राणियों में से एक के लिए जागरूकता बढ़ाते हैं।
यह दिन 2012 में डेविड शेल्ड्रिक वाइल्डलाइफ ट्रस्ट द्वारा हाथियों के सामने आने वाले खतरों, जैसे अवैध शिकार और निवास स्थान के नुकसान पर प्रकाश डालने के लिए बनाया गया था। हाथियों को उनकी बुद्धिमत्ता, सामाजिक बंधन और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।जब पानी की कमी हो जाती है, तो हाथी भूमिगत जल तक पहुँचने के लिए खुदाई करते समय छोटे-छोटे जल-छिद्र बनाते हैं। ये हाथियों द्वारा बनाए गए पानी के छेद हाथियों के साथ-साथ छोटे जानवरों के लिए भी उपलब्ध हैं।हाथी विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करते हैं तो वे अपने गोबर में बीज फैलाते हैं। इससे नए पौधे के विकास में मदद मिलती है । अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने कहा हाथियों में भावनाएं होती हैं और उनकी भावनाएं बेहद नाजुक होती है।हाथी रोता है, आनंद मनाता है, क्रोध करता है और शोक मनाता है।
हाथी अन्य जानवरों के जीवन का समर्थन करते हैं और उनके आवास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उनके पर्यावरण को क्रियाशील रखते हैं। हाथियों के बिना, पारिस्थितिकी तंत्र चरमरा जाएगा। वे जैव विविधता के इंजीनियर हैं।इस मौके पर लॉर्ड ऑफ द जंगल,लाइफ ऑफ मसातु डॉक्यूमेंट्री भी देखी गई।
इस मौके पर प्रधानाचार्य श्री राम यादव,रिजॉर्ट मैनेजर संदीप पाल, सुरेश रावत,रविंद्र अधिकारी,
नवेंदु मठपाल,नफीस अहमद,पद्मा,भगवती फर्त्याल मौजूद रहे।