नगर निगम हल्द्वानी की एक और महत्वाकांक्षी योजना करीब एक साल से शहर के व्यस्तम तिराहे पर खुद का मजाक बनाए हुए है । इस अधूरे छूटे काम को रोज आते जाते लाखों लोग मुड़ मुड़ कर देखते हुए अजीबोगरीब भावभंगिमाए बनाते हुए निकल जाते हैं । यह योजना दरअसल नगरनिगम हल्द्वानी ने सौंदर्यीकरण को लेकर वर्ष 2018 में बनाई जिसका बजट स्वीकृत होते होते तीन साल निकल गए । तब जाकर यह योजना लोक निर्माण विभाग तक निर्माण के मकसद से पहुंची ।
इस योजना का नाम है – ‘माननीय मुख्य मंत्री घोषणा संख्या – 06/2018 के अंतर्गत हल्द्वानी जेलरोड चौराहा म्यूजिकल फव्वारे का निर्माण कार्य’ । अब यहां यह उल्लेख जरूरी है जिस वजह से ये कौतूहल का विषय बनी हुई है । दरअसल जिन म्यूजिकल फब्बारों के बीच एक बूत जो किसी शव की तरह कपड़े से लपेट के स्थापित किया गया है वो बुत स्वामी विवेकानंद जी का है । जिसे लोग अच्छी तरह से पहचानते हैं । यही वजह है कि आते जाते लोग कपड़े में लिपटे बूत की घुटन को अनायास ही महसूस करते हुए गुजर जाते हैं ।
अब सवाल है कि नगरनिगम और लोक निर्माण विभाग और मेयर साहब इस घुटन को महसूस क्यों नहीं करते । जबकि इस योजना की निर्माण अवधि 1-6-2021 से 30-6-2021 थी । यानी करीब एक साल बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका । इस कार्य का बजट तब रखा था 72.27 लाख ₹ और प्रजेक्ट में अंकित था ‘वन जॉब’ यानी एक ही बार में पूरा कार्य हो जाना चाहिए ।
कार्य समय पर पूरा हो भी गया फिर जनता को समर्पित क्यों नहीं किया गया की उत्सुकता पहले हमें नगरनिगम ले कर गई वहां सहायक नागर आयुक्त सरिता राणा जी से पता चला कि कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग है । वहाँ पूछताछ की तो पता चला कि मुख्यमंत्री जी जिस दिन उद्घाटन करने वाले थे वो उस निश्चित तिथि को नहीं आ पाए । इत्तेफाकन बुत के एक तरफ के फब्बारे वैसा काम नहीं कर रहे जैसा तकनीकी प्लान में शामिल था । फिर क्या तकनीक सुधार का मौका दिया गया ठेकेदार को जो फिरासत रसूल उर्फ शोएब के नाम से जाने जाते हैं । इनके भी विभाग ने करीब 15 लाख रोक से सारी पेमेंट कर दी है ।
बहरहाल ये काम अब एक साल में भी पूरा नहीं हो सका जबकि जनता समझ रही थी कि शायद इसका लोकार्पण विवेकानंद जी की पुण्यतिथि 4 जुलाई को हो ही जाएगा । तब से अब तक ये सरकारी अराजकता, संवेदनहीन राजनीति और कमीशनखोरी के चलते कौतूहल का विषय ही बना हुआ है ।
संजय रावत