हल्द्वानी के पत्रकारों ने आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा अनावश्यक नोटिस देकर पत्रकारों में भय का माहौल पैदा किए जाने के खिलाफ, डीआईजी से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पत्रकारों का दमन किए जाने के इस कृत्य की घोर निंदा की।
पत्रकारों द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले लंबे समय से नैनीताल जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों के ऊपर विभिन्न प्रकार के दबाव व अनर्गल, अनावश्यक नोटिस भेजकर उनका दमन करने और भय का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। महोदय ताजा घटना विगत 12 अगस्त की है जब शहर में एक क्राइम की खबर के इंटरव्यू लिए जाने के लिए पत्रकारों द्वारा अधिकारियों के न मिलने पर अपने मीडिया ग्रुप में कुछ सामान्य सी बातें लिखी गई। जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बेवजह पत्रकारों के दमन करने और उनके ऊपर भय का माहौल बनाने की दृष्टि से अनावश्यक नोटिस दिया गया। यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पूर्व भी कई पत्रकारों को दबाव में लेने के लिए इस प्रकार के नोटिस दिए जाते रहे हैं। महोदय हम इस ज्ञापन के माध्यम से आपको अवगत कराना चाहते हैं की अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकारों के ऊपर इस तरह की दमनकारी नीति का हम घोर विरोध करते हैं और उनके इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
महोदय हम आपसे निवेदन करते हैं कि जनपद नैनीताल में पत्रकारों के उत्पीड़न या उन पर दबाव बनाने के इस तरह के प्रयास के खिलाफ जनपद के साथ ही पूरे प्रदेश के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। लिहाजा हम जनपद के सभी पत्रकार संबंधित मामले में आपसे कार्रवाई किए जाने का आग्रह करते हैं। अन्यथा प्रदेश के हर जनपद में सभी पत्रकार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के इस व्यवहार और पत्रकारों के बीच भय का माहौल बनाने के इस कृत्य के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रेश पांडे, अंकुर शर्मा, हरीश पांडे, शैलेंद्र नेगी, योगेश शर्मा, गीतेश त्रिपाठी, दिनेश पांडे, हर्ष रावत, अमित चौधरी, अंकित साह, भावनाथ पंडित, राहुल दरमवाल, अजहर सिद्दीकी, दीपक अधिकारी, ऋषि कपूर, श्रुति तिवारी, वंदना आर्य, नेहा पाल, रक्षित टंडन, अरकम सिद्दीकी सहित दर्जनों पत्रकार उपस्थित रहे।