संजय रावत
देहरादून। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के राज में उनके विभाग के कई सारे अधिकारी कर्मचारी बेलगाम हो चले हैं। इस बार मामला सामने आया है उनके नलकूप विभाग से, जहां वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार कर छोटे अधिकारी कर्मचारी जाने किस दम पर नियम विरुद्ध कारगुज़ारियों में संलिप्त हैं। मामला है अलग अलग खंडों में अलग अलग अधिकारी कर्मचारियों की मनमानी का।
नलकूप खंड बाजपुर के नायब मामले पर नजर डालें तो एक प्रधान सहायक, कनिष्ठ अभियंता का कार्य कर रहा है। इस प्रधान सहायक यानी बड़े बाबू का नाम है कमल ठाकुर, जो जाने किस नियम के आलोक में निश्चित अहर्ताओं की बिना पर कनिष्ठअभियंता का कार्य देख रहे हैं। जबकि इनके द्वैत कार्य के आदेश पहले ही निरस्त हो चुके हैं। हुआ यूं कि इस तरह नियम विरुद्ध कार्यों को लेकर जसपुर उपखंड में डिप्लोमा इंजीनियर संघ द्वारा आपत्ति के क्रम में मुख्य अभियंता ( यांत्रिक ) ने पूर्व के आदेश निरस्त कर दिए। पर बड़े बाबू की पहुंच कि वो अब भी सहायक अभियंता की सीट पर विराजमान हैं।
यहां विभाग के अंदर की गड़बड़ियों को देखें तो इनको अपदस्थ करने की जिम्मेदारी सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता की है। पर इनका गठजोड़ देखिए कि बिना अहर्ता के ये अधिकारी बड़े बाबू से माप पुस्तिका में विवरण चढ़ावा रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि इसी खंड में दो कनिष्ठ अभियंता क्रमशः सुरेश सेमवाल और कुमारी नाहिद मालिक तैनात हैं, जो खाली बैठाए गए हैं। यानी जिन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दे खाली बैठाए गया है।
यह कमाल है सतपाल महाराज के विभाग का, कि अहर्ता वाले कनिष्ठ अभियंता खाली बैठे है पर एक बड़ा बाबू उनके सर पर जबरन बैठाया गया है।
इसी विभाग के दूसरे मामले पर नजर डालें तो यह प्रकरण यूं है कि कनिष्ठ अभियंता गजेंद्र आर्या को डबल चार्ज का। जिन्हें कालाढूंगी उपखंड के साथ बाजपुर उपखंड का चार्ज भी दिया गया। पर इनकी कार्यशैली कुछ ऐसी थी कि इन्हें कई शिकायतों के बाद मुख्य अभियंता ( यांत्रिक ) द्वार दो माह पूर्व ही डबल चार्ज के आदेश निरस्त कर अपने स्थान पर वापस आने को कहा गया।हालात या पहुंच कहिए कि गजेंद्र आर्या द्वारा वर्तमान तक भी चार्ज हस्तांतरित नहीं किया गया है। अब ऐसे हालात में सतपाल महाराज के अधिकारी कर्मचारियों को बेलगाम न कहा जाए तो फिर क्या कहा जाए।
निरर्थक साबित हुए मुख्य अभियंता के आदेश
उपरोक्त दोनों मामलों पर दिए गए आदेश उनके अधिनस्थों ने हवा में उड़ा दिए। कनिष्ठ अभियंता गजेंद्र पाल आर्य मामले को देखें तो एक पत्र में मुख्य अभियंता ( यांत्रिक ) गोकरण सिंह आदेश करते हैं कि अधिशासी अभियंता, नलकूप मंडल हल्द्वानी के पत्र दिनांक 26.8.2024 के अनुरोध पर गजेंद्र पाल आर्य को उनके द्वैत कार्यभार निरस्त किए जाते हैं। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हों। पर हैरानी की बात उनके आदेश इन बेलगाम अधिकारी कर्मचारियों पर नकेल न कस सके।