मुनीष कुमार
उत्तराखंड सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान रोके जाने की सूचना आने के बाद भी वन विभाग द्वारा किसनपुर छोई में भूमि की नपाई चल रही है तथा सिंचाई विभाग द्वारा मालधन क्षेत्र के नारायण पुर गांव में 300 परिवारों को बेदखली के नोटिस दिए जाने के कारण 2000 से अधिक लोगों के बेघर होने का खतरा बरकरार है। हल्द्वानी, रामनगर तथा लालकुआं आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है। सरकार की तरफ से एक-एक इंच जमीन खाली कराने जैसे बयान अभी भी आ रहे हैं।
इसको लेकर उत्तराखंड की जनता के बीच संशय व असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है।
वन ग्राम कालू सिद्ध निवासी किशन शर्मा ने सरकार से अतिक्रमण को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि हम इसी देश के नागरिक हैं और हम अतिक्रमण के विवाद में नहीं रहना चाहते। उन्होंने मांग की कि जो व्यक्ति जिस जगह पर रह कर अपना जीवन निर्वाह कर रहा है उसे वहीं पर मालिकाना अधिकार दिया जाए तथा जिन लोगों के घर सरकार ने तोड़ दिए हैं उनको सरकार पुनर्वासित करे तथा धार्मिक संरचनाएं तोड़ना बंद करे।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेति ने बताया कि कल 30 मई को तिलाड़ी कांड के शहीदी दिवस पर अतिक्रमण के नाम पर बेदखल किए जा रहे भारत के लोगों द्वारा वन परिसर, रामनगर में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा उन्होंने वन ग्राम, गोट खत्ते,टोंगिया ग्राम, सिंचाई व राजस्व विभाग द्वारा बेदखल किए जा रहे लोगों से कार्यक्रम में भागीदारी करने की अपील की है।