
संजय रावत
प्रकृति ने हर जीव को ऊर्जा से नवाजा है | पर मनुष्य ही एक मात्र जीव है जिसने अपनी ऊर्जा से दुनियां की रफ्तार बदल दी। किसी ने सृजन से मानव कल्याण किए तो किसी ने विध्वंश भी । आम समाज में भी चाहे युवा हों या पत्रकार या फिर अन्य, सभी अपनी अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अपनी अपनी फितरतन करते हैं । हालिया खबर सामने आई है कि कुछ सृजनशील युवाओं और हमारे पत्रकार साथियों की, जिन्होंने ठहरे हुए समाज में अपनी ऊर्जा को सृजनात्मक कार्यों लगाने का मन बनाया और सबने मिल कर एक ग्रुप बनाया, जिसको नाम दिया UK 04 हेल्पिंग हैंड्स। इस टीम ने कई सारे प्रोग्राम तय कर रखे हैं पर शुरुआत की है चित्रशिला घाट के सफाई अभियान से ।

UK 04 हेल्पिंग हैंड्स टीम ने 25 मई शनिवार को अपनी योजना का पहला कदम रखा रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर, जहां चिताओं के अवशेष रूप में कई सारे अपशिष्ट बड़ी मात्रा में नदी को प्रदूषित करते हैं। टीम ने तय किया कि सबसे पहले सफाई का काम गार्गी नदी से ही शुरू किया जाए, जिसके लिए पूरी टीम सहर्ष नदी में उतरी और सफाई अभियान में जुट गई, जिनकी हौसला अफजाई के लिए हल्द्वानी के उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा भी टीम में शामिल हो गए ।

टीम ने नदी और नदी किनारे बड़ी मात्रा में बिखरे अपशिष्ट जैसे पोलिथिन, दवाएं, प्लास्टिक सामग्री, कपड़े और अधजली लकड़ियां आदि को समेटा और एक ट्रेक्टर में भर कर ट्रचिंग ग्राउंड भेजा गया । टीम का कहना था कि उत्तराखंड में बहने वाली हर नदी की तरह गार्गी नदी का भी एतिहासिक महत्व है जिसका स्वरूप नहीं बदलना चाहिए और सभी से अपील भी की, कि नदी दूषित ना हो इसके लिए हम सबको एकजुट हो हमेशा प्रयत्नशील रहना होगा ।

टीम की अगुवाई कर रहे करण नेगी और पत्रकार साथी योगेश शर्मा से बातचीत में हमने पूछा की यह ग्रुप बनाने और सामाजिक कार्यों में हिस्सेदारी का ख्याल कैसे आया, तो योगेश शर्मा का कहना था कि पत्रकारिता के दौरान कई अनियमितताएं और सामाजिक कुरीतियां को देख बहुत बुरा लगता था, अकेले अपनी सामर्थ से ज्यादा कुछ किया नहीं जा सकता था तो हमख्याल मित्रों से चर्चा होती रहती थी । ये दौर भी लंबा रहा, तो सारे मित्रों में मिल कर एक दिन सामाजिक सरोकारों में अपनी अपनी हिस्सेदारी का मन बनाया और फिर हमने मिलजुल कर UK 04 हेल्पिंग हैंड्स नामक ग्रुप बना लिया । अभी इसका पंजीकरण कराना बांकी है, तांकी बड़े पैमाने पर काम किया जा सके ।

क्या कहा SDM पारितोष ने
मुझे बड़ी खुशी होती है जब युवा सामाजिक दायित्वों को समझ उसमें हिस्सेदारी करने का मन बनाते हैं, पत्रकारों के अपने दायित्व हैं पर युवाओं के साथ मिल कर कोई नई पहल करना मुझे अच्छा लगा । वैसे भी इंसान को अपनी ऊर्जा का सृजनात्मक प्रयोग करना ही चाहिए । यह प्रपोजल जब मेरे सामने आया तो मैं भी हिस्सेदारी के लिए सहर्ष तैयार हो गया । आशा करता हूं यह टीम भविष्य में और कई जरूरतमंदो को मदद पहुंचने में सहायक सिद्ध होगी ।

सृजनात्मक पहल के साथी
कोई भी टीम तब तक मुकम्मल नहीं होती जब तक उसके आधार स्तंभ न हों, तो इस टीम के एक दो नहीं बल्कि कई स्तम्भ है जो सक्रिय भूमिका में हैं और इन नामों से जाने जाते है – कमल सिंह धामी, हेमंत साहू, विशाल नेगी, पंकज कश्यप, आनंद कुजरवाल, जीत सिंह, हरीश बगडवाल, जगदीश बिष्ट, पंकज तिवारी, अभिषेक बक्शी, सरबजीत सेठी, सेबी खालसा, हिमांशु बिष्ट, हनी बिंद्रा, कार्तिक बिष्ट, राजीव दिवाकर, रोहित कुमार, धर्मेंद्र कश्यप, प्रतीक बर्गली, दीक्षांत बर्गली, अंशु रोनी, सुरेंद्र कश्यप, दीपक कुमार, चिराग कुमार, मनीष गुप्ता, अमन कुमार, कुंश धामी, भरत चिलवाल, पंकज नेगी, प्रिंस शर्मा, लवी चिलवाल, गौतम आर्य…