अजय अनेजा
दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा मामले में आज एक रोचक प्रसंग जुड़ गया है। कल जहां मुकेश बोरा पर लालकुआं थाने में बलात्कार का मुकदमा कायम हुआ था वहीं आज उनकी पत्नी पार्वती सहित दुग्ध संघ से जुड़ी सौ से अधिक महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए जलूस निकला और कोतवाली का घेराव किया ।
प्रसंग कुछ इस तरह का था कि लालकुआं कोतवाल दिनेश सिंह फर्तीयाल को यह कहना पड़ा कि इस मौब की वीडियो बनाओ ये हम पर जबरदस्ती का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
हुआ यूं कि करीब बारह बजे भारी संख्या बल में महिलाएं हाथों में तख्तियां लिए, मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए लालकुआं थाने पहुंची, जिन पर कुछ लोगों का नाम लिखा था। महिलाओं का आरोप था कि कुछ लोग साजिशन मुकेश बोरा को फंसा रहे हैं। अपनी तख्तियों पर लिखे नामों को बताए हुए महिलाओं ने कहा कि सतीश जोशी, भरत नेगी, अजय क्विरा, रोहित दुम्का और अजीत कुमार एक गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं, इन्होंने ही मुकेश बोरा की छवि धूमिल करने को यह साजिश रची है।
महिलाओं ने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला का नाम लेते हुए कहा कि यदि उसके साथ 2021 बलात्कार हुआ तो तभी उसने शिकायत क्यों नहीं की। इस पर कोतवाल दिनेश सिंह का कहना था कि यदि आप लोगों के पास इससे संबंधित साक्ष्य हैं तो उपलब्ध कराएं, नहीं हैं तो हम पर जबरन दबाव बनाने से बेहतर है कि एसडीएम या डीएम को ज्ञापन दीजिए । जिसके बाद महिलाओं ने तहसीलदार मनीषा बिष्ट को ज्ञापन सौंपा और उक्त पांचों लोगों के पुतलों को चप्पलों से पीटा और फिर महिलाओं का झुंड वापस हो चला ।
आज के इस प्रसंग से आगे बहुत कुछ साफ हो जाना है कि दुग्ध संघ के भीतर लंबे समय से जो चल रहा है इसे अब रौशनी में नहाने की बड़ी जरूरत है। तमाम संघों के भीतर ऐसे खेल नए नहीं हैं यह सब राजनीतिक पार्टियों के अंदर और बाहर वर्चस्व की लड़ाइयां हैं। अब यह अलग बात है कि कब कौन कैसे फंसेगा और कौन कैसे छूटेगा।