डॉ सुधा पाल सहित तीन को मिला पेटेंट ग्रांट

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तकनीक की उन्नति ने इंसान के जीवन को आज जितना आसान बनाने में मदद की है उससे ज्यादा नयी -2 खोजों, अन्वेक्षण और शोध को गति के अवसर प्रदान किए हैं, जिससे शोधार्थियों को अपने रचनात्मक सृजन के लिए अपेक्षित मंच भी मिल रहे हैं ।

ताजा उदाहरण हैं हल्द्वानी एम. बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय की डॉ सुधा पाल का, जिन्हें अब तक दो पेटेंट ग्रांट मिल चुके हैं, जिसे भारत सरकार द्वारा उनके शोध कार्य के लिए दिया गया है । डॉ सुधा पाल हल्द्वानी महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान की अतिथि प्राध्यापिका हैं जिन्हें दुर्लभ पृथ्वी आयनों ( Rare Earth Ions ) के साथ “नैनो करेकटाइजेशन एंड डिवाइस अनालयस” पर कार्य के लिए पेटेंट ग्रांट प्रदान किया गया है ।

क्या है ( Rare Earth Ions ) दुर्लभ पृथ्वी अयन
सत्रह धात्विक तत्वों का एक समूह जिसकी आवर्त सारणी में पंद्रह लेंथेनाइड्स के साथ साथ स्केंडियम और येट्रीयम भी शामिल होते हैं । यह इंसानी उपयोग में आने वाले कई उच्च तकनीकी उपकरणों का अनिवार्य हिस्सा है । जैसे सेल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन यानों उठा निर्मित उपग्रहों के साथ कैंसर के ईलाज में भी प्रयुक्त होता है ।

क्या है पेटेंट ग्रांट
किसी देश द्वारा किसी अन्वेषणकर्ता को या उसके द्वारा नामित व्यक्ति को उसके उसके अनुसंधान को सार्वजनिक करने के बदले दिए जाने वाले अनन्य अधिकारों के समूह को पेटेंट ग्रांट कहते हैं । यह एक निश्चित समय तक दी जाने वाली मदद होती है ।

डॉ सुधा पाल के साथ के साथ एक दिलचस्प बात यह भी है कि उनके पति मुकेश पाल अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स चैंपियन हैं । डॉ सुधा पाल के साथ यह ग्रांट क्रमशः डॉ जितेन्द्र पाल सिंह, डॉ प्रियंका गोयल तथा प्रो वाय के शर्मा को मिला है ।


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