संजय रावत
बीते रविवार 28 अप्रैल को शहर के एक नामी विद्यालय में अचानक कुछ अप्रिय घटना घट जाती है । घटना का जायजा लिया तो पता चला कि ‘गौ रक्षक दल’ द्वारा इस विद्यालय में हंगामा किया गया और गलत सूचना के आधार पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच भी कराई गई । फिर सोशियल मीडिया पर भी रोज ट्रायल चलने लगे, जिससे अभिभावक भी तकलीफ में रहे और विद्यार्थी भी । इसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने आज दिनांक 9 मई को एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष रखा ।
सब समझने – जानने के बाद मशहूर उर्दू लेखक “सआदत हसन मंटो” का एक वाक्य जहन में गूंजने लगा, वह वाक्य कुछ यूं था – मजहब जब दिलों से निकल कर, दिमाग में चढ़ जाए, तो जहर बन जाता है । तो यह जहर पूरे ग्यारह दिन शहर पर अपने अपने तरीके से असर करता रहा। मामले की पड़ताल में अभी तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हो सका है पर गौ रक्षक अब शांति से लौट चले हैं ।
क्या था मामला
28 अप्रैल को नादान नौजवान, जिन्हें गौरक्षक दल का हिस्सा बताया जा रहा है, काठगोदाम स्थित सेंट थेरेसा नमक स्कूल पर धावा बोलते हैं और चिल्ला चिल्ला कर उस बात को प्रमाणित करने की कोशिश करते हैं जो सिर्फ किसी कमजोर दिमाग की उपज से फैली थी । उनका कहना था कि विद्यालय में एक आयोजन के दौरान विद्यार्थियों को प्रतिबंधित मांस का सेवन कराया जा रहा था । जिसके बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और बनाए गए व्यंजनों के सैंपल लेकर जांच को भेज दिए गया । पर बात यहीं नहीं रुकी, कथिक गौ रक्षक दल के नौजवान व उनके सहयोगी अथवा अनुयाईयौ ने इस भ्रामक खबर को फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । सोशियल मीडिया का कुछ हिस्सा भी इनके पक्ष में दांत दिखाता नजर आया । इस तरह यह प्रचार पूरे ग्यारह दिनों तक शहर भर में चर्चा का विषय बना रहा ।
हुआ क्या था असल में
दिन था रविवार का, जाहिर सी बात है उस दिन विद्यालय में आवकाश रहा होगा । पर उस दिन एक कार्यक्रम का आयोजन था, ईसाई धर्म के हिसाब से वो हिंदुओं के यज्ञोपवित संस्कार जैसा कुछ अवसर था, तो व्यंजन भी उसी धर्म में प्रचलित मन्यताओं के हिसाब से बने होना लाजमी था, व्यंजनों में चिकन भी शामिल था । लेकिन कहानी प्रतिबंधित मांस की तरफ बढ़ गई । इस हकीकत के पीछे पड़ताल में यथार्थ ही कुछ अलग ही निकला । हुआ यूं कि कार्यक्रम के दौरान स्कूल गेट के बाहर कुछ मनचले युवा सिगरेट से अपने फेफड़ों की सिंचाई कर रहे थे, तो वहीं के एक दुकानदार ने उनको वहां से हटने का आग्रह किया जिस पर वे भड़क गए और गली गलौज करने लगे । यह सब देख अन्य दुकानदार भी वहां आ पहुंचे तो हाथापाई शुरू हो गई, फिर लड़के अन्य लड़कों को लेकर दुकानदारों को पीटने लगे । प्रत्यक्ष दर्शी बताते हैं कि इसी भाग दौड़, बचने बचाने में यह भीड़ में तब्दील समूह स्कूल के अंदर जा पहुंचा। स्कूल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया तो अपने बचाव में उन लड़कों ने इस बात को प्रचारित करना शुरू किया कि – स्कूल के विद्यार्थियों को प्रतिबंधित मांस परोसा जा रहा है । यह भनक फिर गौ सेवकों तक भी पहुचाई गई कि मिशनरी स्कूल में यह सब चल रहा है । गौ सेवक विद्यालय पहुंचे और हंगामा रोज नया रूप लेता रहा ।
क्या कहा स्कूल प्रशासन ने
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सेंट थेरेसा स्कूल व चर्च के फदार ग्रीगोरी मसकरेनस ने कहा कि रविवार को गौ रक्षकों द्वारा हमारे धार्मिक स्थल की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, भ्रामक प्रचार कर चर्च की गरिमा को चोट पहुंचाई है । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समाचार पत्रों तथा मीडिया के अलग अलग हिस्सों का किसी धर्म के प्रति यह व्यवहार और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना बहुत निंदनीय है । हम इस अफवाह का खण्डन करते हुए विरोध करते हैं और भविष्य में आशा करते हैं कि किसी भी धर्म अनुयाइयों और आस्थाओं के साथ कोई अन्याय न हो ।