क्यों न आए आपदा जब नदियों में बन रहें हैं रिजॉर्ट, क्यारी में बेखौफ लुट रही है सरकारी भूमि

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संजय रावत

रामनगर। नदियों पर अवैध निर्माण न हो, इसके लिए मानसूनी चिंताओं के साथ ही न्यायालयों के कई आदेश हैं। लेकिन इन सबकी याद आपदाओं के दौरान ही आती है। स्थिति सामान्य होते ही सब कुछ भुलाकर नदियों के निर्मम शोषण की कहानी फिर शुरू हो जाती है। क्यारी गांव की ही एक नदी पर भी इन दिनों एक होटल व्यवसाई की कुदृष्टि पड़ी हुई है। जहां उसने सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर नदी में ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर खुलेआम किए जा रहे इस अवैध निर्माण को लेकर शिकायतें भी हुई, लेकिन निर्माण कार्य बदस्तूर चलता रहा।

मामला नैनीताल जिले की तहसील रामनगर के परगना भावर कोटा स्थित क्यारी बंदोबस्ती गांव का है। रामनगर शहर से कुल जमा सात किमी. की दूरी पर बसा यह क्यारी गांव रामनगर वन प्रभाग और तराई पश्चिमी वन प्रभाग के घने जंगलों से घिरा हुआ प्रकृति की एक खूबसूरत देन है। इस छोटे से सुरम्य गांव पर प्रकृति की अतिरिक्त मेहरबानी यह है कि रामनगर वन प्रभाग के सीतावनी जंगल से निकलने वाली एक पतली नदी की धारा क्यारी गांव के बीच से गुजरते हुए तराई पश्चिमी वन प्रभाग में पड़ने वाली दाबका नदी में जाकर मिलती है। सदानीरा रहने वाली इस नदी को खिचड़ी नदी के नाम से पुकारा जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से धनी क्यारी गांव की यह खूबसूरत नदी प्रकृति प्रेमियों के साथ सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। रिजॉर्ट लॉबी के लिए यह अतिरिक्त वरदान है। विचित्र बात यह है कि गांव में प्रवेश करते ही किसी ग्रामीण का घर नहीं बल्कि आपका स्वागत एक निर्माणाधीन रिजॉर्ट करता है।

ताजा मामला गांव की जिस खिचड़ी नदी पर अतिक्रमण करके बनाए जाने का है उसका अभी नामकरण नहीं हुआ है। इस रिजॉर्ट के लिए हल्द्वानी के इंद्रप्रीत सिंह तथा पवनीत सिंह (बिंद्रा बंधु) ने खाता संख्या 23 के खसरा संख्या 106 में 0.267 हैक्टेयर, खसरा संख्या 107 में 0.110 हैक्टेयर तथा खसरा संख्या 109 में 0.170 हैक्टेयर (कुल 0.540 हैक्टेयर) भूमि ग्रामीणों से ही खरीदी। लेकिन इसके साथ ही एक खसरा नंबर 108 भी है, जिसका कोई सौदा रिजॉर्ट स्वामी के साथ होने के बाद भी यह भूमि रिजॉर्ट स्वामी के कब्जे में है।

खसरा नंबर 108 का अतिक्रमण

खसरा नंबर 108 की भूमि सरकारी है, जिस पर पूर्व में सौर ऊर्जा प्लांट का भवन बना था। अभिलेखों में खसरा नंबर 108 की भूमि ग्रामीणों के सार्वजनिक उपयोग की श्रेणी में लाये जानी भूमि के रूप में दर्ज है, जिसकी खरीद बिक्री किसी भी प्रकार संभव नहीं है। लेकिन इस सरकारी भूमि पर भी वर्तमान में धड़ल्ले से रिजॉर्ट का निर्माण चल रहा है। जो भूमि रिजॉर्ट के लिए खरीदी गई, उसके सामने वर्ग चार भूमि पर एक सार्वजनिक रास्ता था। जिससे सटकर खिचड़ी नदी बह रही है। रिजॉर्ट स्वामी ने सबसे पहला काम तो यह किया कि गांव का यह सार्वजनिक रास्ता ही तारबाड़ से बंद करके वहां अपना एक गेट लगा दिया।

भूमि खरीद का दस्तावेज

इसके बाद रिसोर्ट स्वामी ने नदी में वायर क्रेट डालकर निर्माण नदी तक कर डाला। इसके अलावा निर्माणाधीन रिजॉर्ट के ठीक पीछे गांव की एक सरकारी गूल है। इस गूल तक भी रिजॉर्ट स्वामी ने अतिक्रमण करते हुए गूल से सटाकर रिजॉर्ट की चारदीवारी (फोटो) खड़ी कर दी। कुल मिलाकर आगे से पीछे तक सरकारी जमीन घेरकर हो रहे निर्माणाधीन इस रिजॉर्ट की एक तिहाई से अधिक भूमि जबरन किया गया अतिक्रमण है।

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शिकायतें

ऐसा नहीं है कि इस निर्माणाधीन रिजॉर्ट की शिकायत प्रशासन से न कि गई हो। रिजॉर्ट से सटे ग्रामीणों ने रिजॉर्ट के पिछले हिस्से में गांव की ओर खिड़कियां खोलने पर एतराज जताते हुए प्रशासन को रिजॉर्ट के कारण अपनी निजता भंग होने की आशंका के चलते कई ज्ञापन सौंपे। इसी साल मई माह में एसडीएम रामनगर को दिए एक ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा था कि इन्दरप्रीत सिंह, पवनीत सिंह पुत्रगण अरविन्दर सिंह निवासी गुरुनानकपुरा, हल्द्वानी जिला नैनीताल द्वारा ग्राम क्यारी बन्दोबस्ती में एक रिसोर्ट बनाया जा रहा है। उक्त रिसोर्ट के पश्चिम की ओर हमारे घर की तरफ उक्त व्यक्तियों द्वारा व्यवसायिक गतिविधियों हेतु दरवाजे व गैलरी निकाल दिए हैं। रिजॉर्ट की द्वितीय व तृतीय मंजिल से हमारे व हमारे परिवार की महिलाओं की निजता को खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों ने घर के सामने से यह दरवाजे व गैलरी को बन्द कराने की मांग करते हुए प्रशासन को यह भी बताया कि रिसोर्ट स्वामी द्वारा भारत सरकार की भूमि खेत नं. 108 में स्थित भवन को खुर्द-बुर्द कर पक्की दीवार से घेरकर व्यवसायिक गतिविधियों को चलाने का प्रयास किया जा रहा यह। रिसोर्ट स्वामी द्वारा लगभग 2 बीघा अतिरिक्त भूमि घेरकर व्यवसायिक गतिविधियों में लगाया जा रहा है। भूमि से रास्ता बन्द कर गेट व दीवार लगा दी गई है। रिसोर्ट स्वामी द्वारा नक्शे की गूल से 50 वर्षों के पुराने रास्ते को अतिक्रमण कर पैदल रास्ता भी बन्द कर दिया गया है।

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इसी महीने ग्रामीणों ने जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण हल्द्वानी को भी निर्माणाधीन रिजॉर्ट द्वारा किए गए अतिक्रमण के फोटोग्राफ भेजते हुए कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। अलबत्ता एक बार स्थानीय पटवारी ने मौके का निरीक्षण जरूर किया था। लेकिन पटवारी ने क्या रिपोर्ट दी, इसका किसी को कुछ नहीं पता। वैसे, सारी बातों को नजरंदाज भी कर दिया जाए तो सबसे बड़ा सवाल तो यह है नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा नदियों के किनारे किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक होने के आदेशों के बाद भी खिचड़ी नदी पर व्यवसायिक रिजॉर्ट का निर्माण आखिर किसकी शह पर हो रहा है।

शिकायतें

फिलहाल, मामले में एसडीएम राहुल शाह ने इस प्रकरण को दिखवाने का भरोसा दिलाते हुए तहसीलदार को मौके का निरीक्षण करने की हिदायत दी है। लेकिन इसके बाद भी रिजॉर्ट का निर्माण धड़ल्ले से जारी है।

विशेष नोट

निर्माणाधीन रिसोर्ट मालिक इंद्रप्रीत से जब इस अवैध निर्माण के बारे में पूछा गया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद आपने पक्के निर्माण की हिम्मत कैसे कर ली । इस पर उनका कहना था कि ये हिंदुस्तान है, यहां सब हो जाता है । संबंधित अधिकारियों की चैकिंग और दौरों पर पूछा तो उनका कहना था कि तहसीलदार साहब और नायब तहसीलदार साहब चाय पर आते रहते हैं ।

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